स्वागत है आपका फेमनेस्ट स्कूल में. आज आप राग मालकौंस के बारे में जानेंगे राग मालकोश हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक प्रचलित राग है यह राग भैरवी थाट से उत्पन्न हुआ है. राग मालकौंस को दक्षिण भारत में हिंडोलम कह के पुकारा जाता है. राग मालकौंस में गंधार, धैवत और निषाद तीनों स्वर कोमल लगते हैं.
Raag Maalkauns Notes in Hindi | Raag Maalkauns Ka Parichay
आरोह | सा ग म, ध नि सां |
अवरोह | सां नि ध म, ग म ग सा |
पकड़ | ध नि स म, ग म ग सा |
थाट | भैरवी |
वादी | म |
संवादी | सा |
वर्जित स्वर | ऋषभ और पंचम / रे प |
जाती | औडव-औडव |
गायन का समय | रात्री का तीसरा प्रहर |
राग मालकौंस एक गंभीर प्रकृति का राग है इसे पुरूष राग कहा जाता है, इसका प्रयोग भजन गायकी में बहुत ज्यादा होता है. इस राग में ईश्वर की आराधना करना बेहद अच्छा माना जाता है.